मंगलनाथ की शरण में एकता कपूर और रिद्धिमा, मंगल दोष निवारण के लिए करवाया भात पूजन

मंगलनाथ मंदिर में भगवान का विशेष पूजन अर्चन करने के बाद एकता कपूर और रिद्धिमा डोगरा ने विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर, श्री कालभैरव मंदिर के साथ ही हरसिद्धि माता मंदिर भी पहुंची थीं.

मंगलनाथ की शरण में एकता कपूर और रिद्धिमा, मंगल दोष निवारण के लिए करवाया भात पूजन

बाबा मंगलनाथ के मंदिर पहुंचीं एकता कपूर और रिद्धिमा डोगरा

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मंगल दोष के निवारण के लिए इन दिनों बॉलीवुड के सितारे बाबा मंगलनाथ की शरण ले रहे हैं. कुछ दिनों पहले ही अभिनेता और निर्देशक महेश मांजरेकर ने अपने परिवार समेत उज्जैन पहुंचकर बाबा मंगलनाथ का विशेष पूजन अर्चन कर आशीर्वाद प्राप्त किया था. वहीं, मंगलवार को फिर मंगलनाथ मंदिर पर टेलीविजन सीरियल की निमार्ता और निदेशक एकता कपूर और एक्ट्रेस रिद्धिमा डोगरा भगवान मंगलनाथ का आशीर्वाद लेने मंदिर पहुंचीं. जहां उन्होंने मंगल ग्रह की दशा सुधारने के लिए किया जाने वाला विशेष अनुष्ठान भातपूजन करवाया और आरती के बाद अपनी मनोकामना पूर्णता की अर्जी भी लगाई.

मंगलनाथ मंदिर में एकता कपूर और एक्ट्रेस रिद्धिमा डोगरा का पूजन अर्चन करवाने वाले श्री मंगलनाथ मंदिर के महंत अक्षय भारती ने बताया कि मंगल दोष के निवारण के लिए ये विशेष पूजन करवाया गया था.

अन्य मंदिरों मे भी किया पूजन अर्चन

बताया जाता है कि मंगलनाथ मंदिर में भगवान का विशेष पूजन अर्चन करने के बाद एकता कपूर और रिद्धिमा डोगरा ने विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर, श्री कालभैरव मंदिर के साथ ही हरसिद्धि माता मंदिर पहुंचकर भी भगवान का पूजन अर्चन कर आशीर्वाद प्राप्त किया.

Mahesh Manjrekar With His Wife At Baba Mangalnath Temple

पत्नी संग बाबा मंगलनाथ के मंदिर पहुंचे थे महेश मांजरेकर

इसलिए किया जाता है भातपूजन

जब जातक की कुंडली में लग्न चौथे, सातवें, आठवें या 12वें स्थान में मंगल बैठे हों तब कुंडली में मांगलिक योग बनता है, और उस व्यक्ति को मांगलिक कहा जाता है. मान्यताओं के अनुसार, जिन लोगों की कुंडली में मंगल कुंडली दोष होता है, उन्हें विवाह के उपरांत भात पूजा करने की सलाह दी जाती है.

श्री मंगलनाथ मंदिर के महंत अक्षय भारती ने बताया कि संपूर्ण विश्व में भारत देश के अंतर्गत मध्य प्रदेश के उज्जैन शहर में एकमात्र मंगल ग्रह का मंदिर है. जहां ब्रह्मांड से मंगल ग्रह की सीधी किरणें कर्क रेखा पर स्थित स्वयंभू शिवलिंग के ऊपर पड़ती हैं. जिससे ये शिवलिंग मंगल ग्रह के प्रतीक स्वरूप में जाना जाता है और यहां पर पूजन अभिषेक जाप और दर्शन से मंगल दोष का निवारण होता है.

इसी मंदिर में होता है मंगल दोष का निवारण

मंगल दोष का निवारण भात पूजन के जरिए एकमात्र अवंतिका (उज्जैन )में ही संपन्न कराया जाता है. यहां विधिवत पूजन कराने से मंगल ग्रह के दुष्प्रभाव में कमी आती है, और शुभ फलों में वृद्धि होती है. यही नहीं, भगवान का कुमकुम और गुलाब या लाल पुष्पों से अभिषेक भी किया जाता है. मंगल को आक्रामकता, साहस और आत्मविश्वास के लिए मुख्य ग्रह माना जाता है.

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ये मुद्रा, संपत्ति, वैवाहिक जीवन, दुर्घटना सर्जरी,संबंध, ऋण, बाल और हृदय से संबंधित समस्याओं से जुड़े मामलों पर मजबूत प्रभाव देता है. मंगल को भात इसलिए चढ़ाए जाते हैं क्योंकि भात यानी चावल की प्रकृति ठंडी होती है. इससे मंगल को शांति मिलती है और वो भात पूजन करने वाले पर कृपा करते हैं. ठंडक मिलने से मंगल के दुष्प्रभाव कम होते हैं.

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